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अपने शासन काल में ९१०६०३२३४३०३००००० रुपये लूट कर कोंग्रेसी जोशो खरोश और पुरे विश्वास से पांच राज्यों के चुनावो में अपनी जीत की हुँकार भर रहे हैंI १२५ साल इस देश पर सांप की तरह कुंडली मार कर बैठे ये जीव जनता के सामने जाने में जरा भी शर्म सार नहीं हैंI चुनाव जीत कर स्वयम को इस देश का मालिक समझने वाले नेता अपने ऊपर उठाने वाली हर ऊँगली तो क्या हाथ तक उखाड़ सकते हैं. वो बेख़ौफ़ हैं.. क्योंकि उन्हें जनता ने चुनकर भेजा है इसलिए वो जो जी चाहे कर सकते हैं, संविधान द्वारा प्रदत्त पदवी का दुरुपयोग वो अपना खजाना बनाने के लिए कर सकते हैं, वो जनता के कल्याण और राष्ट्र विकास के लिए अरक्षित धन संपदा को लूटना अपना न्यायोचित अधिकार समझते हैं. वो इस देश के भाग्य विधाता हैं, उन्होंने इस देश पर राज करके इस पतित जनता पर बड़ा अहसान किया है. अंग्रेजो से उन्होंने आजादी की सौदेबाजी करी है इसलिए इसको नोचकर खाने का एक मात्र लाइसेंसे बस उनके पास ही है.
जनता कौन होती है अपनी औकात से बढ़कर बोलने वाली?
जनता कौन होती है उन ईश्वर तुल्य माननीयो से जवाब तलब करने वाली जो संसद में बैठकर नियम कानून बनाने का अधिकार रखते हैं? आखिर जनता को तो वोट डालकर बीते सालों की तरह अफीम खाकर सो जाना चाहिए? आखिर क्यों अन्ना जैसो को सरकार की रिपोर्ट कार्ड पर बात करने का अधिकार नहीं है? आखिर क्यों रामदेव बाबा देश के पैसे का हिसाब मांगें?
आखिर कैसे सरकार के पाले कुत्ते जनता पर भुक रहे हैं ? आखिर कैसे भ्रष्टाचारियो की ही आवाज प्रचार माध्यमो में पूरी ढीठता से सुनाई पड़ रही है..आखिर कैसे भ्रष्टाचारियो के हाथ में ही भ्रष्टाचार को मिटाने की कमान है? आखिर क्यों भ्रष्टाचारियो के साथ सारे मीडिया ग्रुप खड़े दिखाई देते हैं.. क्यों भ्रष्टाचार को गैर जरूरी दिखने की कोशिश हो रही है? क्यों भ्रष्टाचार का मुद्दा अन्ना या रामदेव का व्यक्तिगत मुद्दा है? क्यों क्रिकेट की जीत और सचिन का भारत रत्न तो राष्ट्रीय चर्चा है पर जनलोक पाल बिल अन्ना का व्यक्तिगत आन्दोलन है? क्यों सारी दुनिया के कौंग्रेस पर लगाये भ्रष्टाचार के आरोप छोटे, महत्वहीन हैं और दिग्विजय जैसो के अन्ना और उनके साथियो पर उछाले कीचड के छींटे मीडिया के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण वक्तव्य? क्यों राखी सावंत, अग्निपथ फिल्म, डर्टी पिक्चर की पतिता हर प्रचार माध्यम, हर चैनल, हर पन्ने पर जाज्वल्यमान है पर स्विस बैंको में जमा भारतीयों का जमा काला धन, सरकारी कर्मचारियों द्वारा स्थापित रिश्वत संस्कृति और कौंग्रेस सरकार द्वारा घोटालेबाजी से लुटे गए अरबो खरबों देश के रुपये के सवाल क्षुद्र विषय हैं? क्यों किसी वेश्या की ‘डर्टी पिक्चर’ लाखो बार गाए, चिल्लाये, बताये, दिखाए जाने लायक है..क्यों देश में बौलीवुड, गाना बजाना खेलना मौज तो सबसे प्रमुख विचार, समाचार के मुद्दे हैं पर नेताओ, नौकर शाहों द्वारा की जाने वाली लूटमार कोई मुद्दा नहीं है? क्यों नाचना गाना करने वाली तारिकाओं के पीछे लाखो करोडो खड़े (किये जा रहे) हैं, क्यूँ दिग्विजय, राहुल के पीछे ताली बजाने वालो की भारी भीड़ है.. कैसे इस देश में देश द्रोहियों के पीछे सारे खड़े हैं और देश के लिए लड़ने वाले के पीछे कोई नहीं? क्यों आज झूठे, आतंकी, भ्रष्ट, पापी को बहुमत है और क्यों…. अन्ना अकेला है?
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